नया नियम हुआ बदलाव ITR फॉर्म्स, टैक्स भरते हैं तो जान लें अब क्या नई जानकारी देनी होगी

नया नियम हुआ बदलाव ITR फॉर्म्स, टैक्स भरते हैं तो जान लें अब क्या नई जानकारी देनी होगी 
कुछ ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है पिछले साल से

 नया नियम हुआ बदलाव ITR फॉर्म्स, टैक्स भरते हैं तो जान लें अब क्या नई जानकारी देनी होगी CBDT ने असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए नये इनकम टैक्स फॉर्म जारी कर दिया है. CBDT ने यह भी बताया कि टैक्सपेयर्स की सुविधा को देखते हुए इस बार इन फॉर्म्स में बड़े बदलाव नहीं किए गए हैं.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए नये आईटीआर फॉर्म्स जारी कर दिया है. वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि CBDT ने आईटीआर-1 से लेकर आईटीआर-7 फॉर्म जारी कर दिया है. CBDT ने कहा, ‘मौजूदा कोविड-19 संकट को देखते हुए टैक्सपेयर्स के लिए इन फॉर्म्स में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है. यह लगभग पिछले साल जैसा ही है. इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत किए गए संशोधनों की वजह से कुछ मामूली बदलाव किए गए हैं.’ CBDT ने बताया कि अब टैक्सपेयर्स को अपने निवेश के बारे में जानकारी देने के लिए आईटीआर-1, आईटीआर-2, आईटीआर-3, आईटीआर-4, आईटीआर-5, आईटीआर-6 और आईटीआर-7 फॉर्म्स में बदलाव किया गया है.

किन लोगों को भरने होते हैं कौन से फॉर्म?

 आईटीआर फॉर्म-1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म (सुगम) सबसे सरल फॉर्म हैं. छोटे और मध्यम वर्ग के सबसे ज्यादा टैक्सपेयर्स इसी फॉर्म को भरते हैं. 50 लाख रुपये से कम सैलरी पाने वाले लोग ही आईटीर फॉर्म-1 भरते हैं. अगर ऐसे लोगों के पास एक प्रॉपर्टी और ब्याज जैसे अन्य साधनों से कमाई होती है तो भी ऐसे लोगों को आईटीआर-1 ही भरना होता है. इसी प्रकार व्यक्तिगत, अविभाजित हिन्दु परिवार और सीमित देयता वाली कंपनियां, जिनकी कुल कमाई 50 लाख रुपये या इससे कम है, उन्हें सुगम फॉर्म भरना होता है. हालांकि, अगर कोई व्यक्ति ने किसी कंपनी में निदेशक है या अनलिस्टेड कंपनियों में निवेश किया है तो वे इन दोनों में से कोई भी फॉर्म नहीं भर सकते हैं. व्यक्तिगत और अविभाजित हिन्दु परिवार भी आईटीआर-2 फॉर्म भर सकते हैं, लेकिन उनकी कमाई बिज़नेस या किसी प्रोफेशन के जरिए होती और वे सहज फॉर्म भरने नहीं भर सकते हैं. ​किसी बिज़नेस या प्रोफेशन के जरिए कमाई करने वाले लोग आईटीआर-3 फॉर्म भरते हैं. व्यक्तिगत, ​अविभाजित हिन्दु फैमिला के अलावा अन्य लोग व कंपनियां आईटीआर-5 फॉर्म भरते हैं. ऐसे लोगों की कमाई का जरिया कोई पार्टनरशिप फर्म, लि​मिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप आदि होनी चाहिए. कंपनियां फॉर्म-6 भरती हैं. इनकम एक्ट के तहत छूट क्लेम करने वाले ट्रस्ट, राजनीतिक पार्टियां, चैरिटेबल संस्थान आईटीआर फॉर्म-7 भरते हैं.

 टैक्स विभाग ने जारी किया 2.62 लाख करोड़ रुपये का रिफंड 

यह भी बता दें कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स वि​भाग ने 2.38 करोड़ टैक्सपेयर्स को 2.62 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी कर दिया है. इसमें 2.34 करोड़ लोगों को जारी किया गया 87,749 करोड़ रुपये शामिल है. जबकि, 3.26 लाख मामलों में 1.74 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट टैक्स रिफंड किया गया है. इनकम टैक्स विभाग ने बताया किया पिछले साल की तुलना में इस बार इनकम टैक्स रिफंड में 43.2 फीसदी का इजाफा हुआ है.

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